“NAKSHA योजना” क्या है? जानिए विस्तार से ।

“NAKSHA योजना” क्या है? जानिए विस्तार से ।

NAKSHA योजना" क्या है? जानिए विस्तार से ।

Introduction (परिचय)

NAKSHA योजना (National Automated Mapping of Settlements and Habitations) की घोषणा की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण और उसे अपडेट करना है।भारत में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अब भी कई शहरों में भूमि रिकॉर्ड असंगठित और अपूर्ण हैं। इससे संपत्ति विवाद, कर चोरी और शहरी नियोजन में समस्याएं आती हैं। इसी को देखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में ये योजना बनाया है ।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि NAKSHA योजना क्या है, यह कैसे काम करेगी, इसके लाभ और सरकार की अन्य योजनाओं से इसका क्या अंतर है।

NAKSHA योजना क्या है?

NAKSHA (National Automated Mapping of Settlements and Habitations) योजना भारत सरकार की एक स्वचालित मैपिंग प्रणाली है, जिसका उद्देश्य शहरी भूमि और संपत्ति रिकॉर्ड को डिजिटाइज करना और उसे अपडेट रखना है। इसके तहत सैटेलाइट इमेजरी, ड्रोन सर्वे और डिजिटल मैपिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

यह योजना खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में संपत्ति विवादों को कम करने, कर संग्रह बढ़ाने और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए लाई गई है।

NAKSHA योजना की जरूरत क्यों पड़ी?

आज भी भारत के कई शहरों में भूमि रिकॉर्ड पारंपरिक दस्तावेजों पर आधारित हैं, जो अक्सर अपूर्ण, अव्यवस्थित और विवादास्पद होते हैं। इसके कारण:

संपत्ति विवाद बढ़ते हैं और कानूनी मामलों में सालों लग जाते हैं।

सरकारी राजस्व को नुकसान होता है क्योंकि टैक्स वसूली सही तरीके से नहीं हो पाती।शहरी नियोजन प्रभावित होता है, जिससे अवैध निर्माण और अनियोजित कॉलोनियाँ बढ़ती हैं।

नागरिकों को संपत्ति संबंधी दस्तावेज आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध नहीं होते।NAKSHA योजना इन सभी समस्याओं का समाधान करेगी और भारत के शहरी भूमि प्रबंधन को आधुनिक बनाएगी।

NAKSHA योजना के मुख्य उद्देश्य

1. शहरी भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण

NAKSHA योजना के तहत सभी संपत्तियों और भूमि रिकॉर्ड्स को डिजिटल किया जाएगा, जिससे लोग अपने दस्तावेज ऑनलाइन देख सकें।

3. संपत्ति विवादों में कमी

स्पष्ट और प्रमाणिक रिकॉर्ड उपलब्ध होने से जमीन और संपत्ति से जुड़े विवाद कम होंगे।

4.कर संग्रह में बढ़ोतरी

सही रिकॉर्ड होने से सरकार को प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में मदद मिलेगी और अनधिकृत संपत्तियों की पहचान हो सकेगी।

5. शहरी नियोजन को बेहतर बनाना

जब सरकार के पास सही डिजिटल मैपिंग डेटा होगा, तो बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास योजनाएँ बनाई जा सकेंगी।

NAKSHA योजना के लाभ

लाभविवरण
डिजिटल और पारदर्शी भूमि रिकॉर्ड
नागरिको को ऑनलाइन भूमि दस्तावेज उपलब्ध होंगे ।
विवादों मे कमी स्पष्ट सीमांकन से संपति विवाद कम होंगे
राजस्व वृद्धि सरकार को सही टैक्स वसुली में मदद मिलेगी
शहरी नियोजन में सुधारशहरों की सही मैपिंग से इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा
ई गवर्नेंस को बढ़ावा नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओ को लाभ मिलेगा

NAKSHA योजना और SWAMITVA योजना में अंतर

SWAMITVA योजना

यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों की भूमि रिकॉर्डिंग और मालिकाना हक देने पर केंद्रित थी।

ड्रोन मैपिंग से गाँवों की जमीन का डिजिटलीकरण किया गया।

इसका उद्देश्य ग्रामीण संपत्तियों के स्वामित्व को स्पष्ट करना था।

NAKSHA योजना

यह शहरी भूमि और संपत्ति रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण पर केंद्रित है।

सैटेलाइट इमेजरी और ड्रोन तकनीक से शहरी क्षेत्रों की संपत्ति का सटीक डेटा तैयार किया जाएगा।

यह योजना शहरों में संपत्ति विवाद, टैक्स चोरी और अनधिकृत कॉलोनियों की समस्या को हल करेगी।

NAKSHA योजना के कार्यान्वयन की संभावित चुनौतियाँ

हालांकि यह योजना शहरी भूमि प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ भी आ सकती हैं:

पुराने रिकॉर्ड को डिजिटाइज करना – कई स्थानों पर भूमि रिकॉर्ड अधूरे या गलत हो सकते हैं।

तकनीकी संसाधन और विशेषज्ञता – ड्रोन सर्वे और डिजिटल मैपिंग के लिए विशेष तकनीकी ज्ञान और उपकरणों की जरूरत होगी।

कानूनी अड़चनें – भूमि से जुड़े कई मामलों में पहले से विवाद चल रहे हैं, जिन्हें हल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

अगर सरकार इन चुनौतियों का सही समाधान निकालती है, तो NAKSHA योजना भारत के शहरी विकास में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।

निष्कर्ष: भारत के शहरी विकास के लिए एक बड़ा कदम

NAKSHA योजना भारत की शहरी भूमि प्रबंधन प्रणाली में पारदर्शिता और सटीकता लाने का एक बड़ा प्रयास है। इससे न केवल सरकार को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि नागरिकों और किसानों को भी संपत्ति से जुड़े मामलों में आसानी होगी।

अगर इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो यह भारत के शहरीकरण को सुव्यवस्थित करने और भूमि विवादों को कम करने में बहुत मददगार साबित होगी।

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